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सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
दिल्ली में दंगा होने पर अरविंद केजरीवाल खामोश क्यों हो जाते हैं?
दिल्ली (Delhi) में दो साल बाद दोबारा दंगे (Jahangirpuri Violence) हुए हैं - और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kjriwal) ने फिर से चुप्पी साध ली है. 2020 के हिसाब से देखें तो परिस्थितियां काफी अलग हैं क्योंकि अभी जो हुआ है उसे एमसीडी चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है!
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
Rakesh Tikait का नाम लेकर किसान नेता अपनी राजनीतिक मंशा जाहिर कर रहे हैं
किसान नेता शुरू से ही कृषि कानून विरोधी आंदोलन (Farmers Protest) के गैर-राजनीतिक होने का दावा करते रहे हैं - लेकिन दर्शन पाल सिंह (Darshan Pal singh) ने जो सलाहियत पेश की है वो राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) सहित सभी किसान नेताओं की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की तरफ इशारा है.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
किसान आंदोलन को अन्ना हजारे के रामलीला आंदोलन से कितना अलग समझा जाएगा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के कृषि कानूनों (Farm Laws) के वापस लेने की घोषणा के बाद तीन हफ्ते बाद किसानों का धरना (Farmers Protest) खत्म हो रहा है और जनवरी, 2022 में समीक्षा होनी है - मतलब, चुनावों से पहले किसान फिर से अंगड़ाई ले सकते हैं.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
26 जनवरी हिंसा के आरोपियों को पंजाब सरकार का मुआवजा खतरनाक कदम है
26 जनवरी की दिल्ली हिंसा (26 January Delhi violence) के लिए गिरफ्तार आरोपियों के लिए पंजाब सरकार के मुआवजे (Compensation for Violence) की घोषणा देश के कानून के साथ भद्दा मजाक है - चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ऐसे लोगों को बढ़ावा दे रहे हैं जो अभी कोर्ट से बरी भी नहीं हुए हैं.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
प्रमिला दीक्षित
@pramila.dixit.7
दीप सिद्धू को हीरो बनाने से लेकर उसकी गिरफ्तारी तक पूरी कहानी 'फिक्स' है!
26 जनवरी को लाल किले पर उपद्रव करवाने का आरोपी दीप सिद्धू आख़िरकार गिरफ्तार कर लिया गया है. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने, दीप सिद्धू को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विधानसभा क्षेत्र करनाल में सड़क पर खड़े हुए देखा, और पकड़ लिया! किसान आंदोलन की कहानी में दीप सिद्धू का किरदार शुरू से अंत तक रहस्मय है.
सियासत
| 6-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
कथित किसानों का इरादा 'दिल्ली फतेह' करना हो, तो राजधानी की हिफाजत क्यों न हो?
चक्का जाम की वजह से फिर अराजकता और हिंसा न फैले इसके लिए दिल्ली पुलिस ने सीमाओं पर 6 लेयर बैरिकेडिंग की है. जिसमें कंटीले तार, सीमेंट ब्लॉक, रोड पर नुकीली कीलें लगाई गई हैं. इतने भारी सुरक्षा इंतजामों की जरूरत क्यों पड़ रही है, इस सवाल का जवाब 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा माना जा सकता है.
सियासत
| 4-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
क्या किसान आंदोलन के जरिये पंजाब में अराजकता फैलाना चाहता है पाकिस्तान?
पाकिस्तान हमेशा से ही खालिस्तान समर्थकों का पक्ष लेकर भारत में अस्थिरता और अराजकता का माहौल बनाने की कोशिश करता रहा है. किसान आंदोलन में पाकिस्तान की अप्रत्यक्ष भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है. इस दौरान पंजाब में भी माहौल बिगड़ता जा रहा है.
सियासत
| 5-मिनट में पढ़ें
देवेश त्रिपाठी
@devesh.r.tripathi
किसान आंदोलन और कांग्रेस: राहुल गांधी क्यों हो रहे हैं आक्रामक
कृषि कानूनों का विरोध राहुल गांधी शुरू से ही कर रहे हैं. इस विरोध में अन्य विपक्षी दल भी अपनी आहूतियां देने में लगे हैं. हर राजनीतिक दल इस किसान आंदोलन से अपनी धूमिल पड़ चुकी सियासी चमक फिर से पाना चाहता है. हालांकि, राहुल गांधी इस मामले में फिलहाल अन्य पार्टियों से आगे नजर आ रहे हैं.
सियासत
| बड़ा आर्टिकल
मृगांक शेखर
@msTalkiesHindi
गांधी भले राजनीति के शिकार बनें, लेकिन जनांदोलनों में उनके प्रयोग आज भी असरदार हैं
जनांदोलनों की कमजोरी हिंसा ही रही है, अन्ना हजारे (Anna Hazare) को मनाने के लिए दिल्ली से केंद्रीय मंत्री का रालेगण सिद्धि पहुंचना सबूत है. महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की तरह अहिंसा (Non Violence) पर जोर ने ही किसान आंदोलन की वापसी करायी है.